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कोरोना के बहाने पाकिस्तान की कश्मीर में दखल की कोशिश

पाकिस्तान अपनी चाल से बाज नहीं आ रहा है। कोरोना के बहाने पाकिस्तान इस कोशिश में है कि किसी तरह वह कश्मीर में दाखिल हो जाए। पाकिस्तान ने कश्मीरियों को कोरोना से बचाने के लिए मानवीय आधार पर एक कोरिडोर बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, चीन और अमेरिका से मदद मांगी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैसी ने इस मामले में बयान भी जारी किया है।


कश्मीर मामले की पाकिस्तान की संसदीय समिति ने संयुक्त राष्ट्रसंघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेड क्राॅस सोसाइटी और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से कहा है कि ये सभी भारत पर दबाव डालकर पाकिस्तान की ओर से एक मेडिकल कोरिडोर बनाने में मदद करें ताकि कश्मीरियों को कोरोना से बचाने के उपाय किए जा सकें। संसदीय समिति की एक हंगामी मीटिंग के बाद शाह मेहमूद कुरैसी ने कहा कि पाकिस्तान का कश्मीरियो ंके साथ ऐतिहासिक वह मजहबी संबंध है, उन्हें वे मरते हुए नहीं देख सकते।


उल्लेखनीय है कि पूरे भारत की तरह कश्मीर में ही कोरोना का प्रकोप चल रहा है। वहां हर रोज लगभग 5 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने पूरे देश की तरह कश्मीर में भी कोरोना से बचाव के लिए हर संभव इंतजाम किए हैं। उपराज्यपाल की देख रेख में तमाम बचाव के उपाय किए जा रहे हैं और वहां वैक्सीन का भी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। लेकिन पाकिस्तान यह प्रोपोगेंडा चला रहा है कि भारत ने कश्मीरियोें को उनके हाल पर छोड़ दिया है। 05 मई को जेल में बंद हुर्रियत नेता अशरफ सेहराई की कोरोना से मृत्यु को आधार बनाकर पाकिस्तान दुनिया में यह प्रचार कर रहा है कि कश्मीरियों को कोई इलाज नहीं मिल रहा है।


कश्मीरी अलगाववादी नेता यासिन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक और गुलाम कश्मीर के प्रधानमंत्री राजा फरूक हैदर खान विभिन्न मीडिया हाउस को यह बयान दे रहे हैं कि भारत सरकार ने कश्मीर से मेडिकल सुविधाओं को निकाल कर कहीं और लगा दिया है। हैदरखान ने यहां तक कहा कि कश्मीर के अस्पतालों से 250 वेंटिलेटर निकाल कर भारत सरकार ने किसी और अस्पताल को भेज दिया है। पाकिस्तान को आपदा एक अवसर नजर आ रहा है।
पाकिस्तान खुद इस समय कोरोना से पीड़ित है। पूरे देश में बमुश्किल वहां 35 हजार टेस्ट हो रहे हैं। रोजाना 100 से ज्यादा लोग कोरोना से मर रहे हैं। पाकिस्तान के अस्पतालों में दवाइया और आॅक्सीजन की किल्लत है। मास्क पहनाने के लिए वहां की आर्मी सड़कों पर उतर आई है। लेकिन वह मदद के नाम पर अब भी कश्मीर में दाखिल होने का ताना बाना बुन रहा है।

BIKRAM UPADHYAY
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