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डब्ल्यूएचओ की 73 वीं  हेल्थ कॉन्फ्रेंस

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका और यूरोप के आरोपों को सिरे से नकारा

कोरोना वायरस  ने दुनिया के 210 देशों को अपनी चपेट में ले रखा है।  लगभग 7  अरब लोग इसकी चपेट में हैं ।  तीन  लाख से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। दुनिया के तमाम हेल्थ महामारी के लिए अलर्ट करने की जिम्मेदारी डब्ल्यूएचओ की है और सोमवार को  शायद पहली बार डब्ल्यूएचओ की 73 वीं  हेल्थ कांफ्रेंस वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई ।  सभी सदस्य  देशों के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं । डब्ल्यूएचओ के इस समय 190 से अधिक सदस्य देश हैं और डब्ल्यूएचओ की जिम्मेदारी है कि किसी भी महामारी से इन सदस्य देशों  को अलर्ट करें और हर संभव महामारी से बचने का उपाय भी करे। लेकिन इस समय डब्ल्यूएचओ की भूमिका खुद ही संदिग्ध है।

अमेरिका ,कनाडा और यूरोप के कई देश डब्ल्यूएचओ  की भूमिका को लेकर संदेह व्यक्त कर चुके हैं और कई देश स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि  डब्ल्यूएचओ ने चीन की एजेंसी के तौर पर काम किया और समय रहते कोरोना वायरस से दुनिया को आगाह करने में  नाकाम  रहा।  डब्ल्यूएचओ हेल्थ कॉन्फ्रेंस का सोमवार को  उद्घाटन करते हुए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका और यूरोप के तमाम आरोपो को सिरे से खारिज कर दिया और  दावा किया कि चीन ने समय रहते कोरोना वायरस के खतरनाक फैलाव से पूरी दुनिया को आगाह  किया ।  चीन ने  खुद को शाबाशी देते हुए कहा कि वह गरीब अफ्रीका के 40 से अधिक देशों की परवरिश कर रहा है और कोविड-19 से लड़ने के लिए यथासंभव मदद भी कर रहा है।

शी जिनपिंग ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना के मामले में उसने  पारदर्शी तरीके से  और पूरी जिम्मेदारी से एकदम समय से पूरी दुनिया को आगाह किया । शी जिनपिंग ने दावा किया कि  चीन ने कोविड-19 के जीनोम सिक्वेंस को जारी किया वह भी समय से पहले।  चीन ने ही कोरोना वायरस के लक्षण और फैलाव के बारे में दुनिया को समय से सूचना दी । चीन ने ही इससे बचने और इसके इलाज के बारे में दुनिया को बताया । चीन ने अपनी क्षमता और शक्ति के अनुरूप पूरी दुनिया को कोविड-19 से बचने की सलाह और सहायता प्रदान की ।

 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बात पर खामोश रहे कि कोविड-19 जानवरों से मनुष्यों में आया या कहीं किसी लैब से निकला।  उल्टे उन्होंने दुनिया को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय मिलकर इसका मुकाबला करने और मानव जाति को बचाने के लिए सारे देशों के एकजुट हो जाने की वकालत की ।

शी जिनपिंग ने स्मार्ट तरीके से डब्ल्यूएचओ की खूब प्रशंसा की और कहां कि यह समय नहीं है कि डब्ल्यूएचओ की भूमिका को कम किया जाए , बल्कि यह समय  है कि डब्ल्यूएचओ को नैतिक और वित्तीय सहायता प्रदान की जाए ताकि डब्ल्यूएचओ और असरदार तरीके से मानव जाति को बचाने में बड़ी भूमिका अदा कर सके।  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में डब्ल्यूएचओ को अगुआ बता रहे हैं । शी जिनपिंग ने पूरी दुनिया को आह्वान  किया कि इस समय डब्ल्यूएचओ को राजनीतिक और आर्थिक सहायता बढ़ा कर दी जाए । चीन के राष्ट्रपति ने  घोषणा की कि चीन  भविष्य में किसी भी तरीके के वायरस से निपटने के लिए 2 अरब ङाॅलर  का फंड डब्ल्यूएचओ को देने जा रहा है ।

भले ही दुनिया के 62 से अधिक देश यह मानते हैं कि कोरोना वायरस चीन के लैब  से निकला हो सकता है,  या चीन की कोई भूमिका है। लेकिन  चीन डब्ल्यूएचओ के प्लेटफार्म से या ऐलान कर रहा है कि कोरोना  को फैलाने में उसकी कोई भूमिका नहीं है, बल्कि वह कोरोनाा से निपटने के लिए पूरी दुनिया को सहायता प्रदान कर रहा है । चीन की इस दावे को अमेरिकी किस तरीके से खारिज करता है इसे हम अगले अंक में प्रस्तुत कर रहे हैं।

BIKRAM UPADHYAY
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