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भारत में इसलिए तो नहीं हो गया कोरोना बेकाबू!

अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना से ग्रसित लोग भारत में हैं। आखिर हमारे यहां कोरोना बेकाबू क्यों है। दक्षिण एशिया के अन्य देश, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यामांर और नेपाल में कोरोना का यह भयावह रूप देखने को क्यों नहीं मिल रहा है? इन सारे सवालों के जवाब आसान नहीं हैं। कारण यह कि भारत में इतना ज्यादा कोरोना का असर होने या दिखने के जो आधार हैं, वे दक्षिण ऐशिया के अन्य देशों में नहीं हैं। कहीं आकड़े छुपाए जा रहे हैं तो कहीं टेस्ट ही नहीं किया जा रहा है। पाकिस्तान जैसे कुछ देशों में तो अस्पताल से बाहर कोरोना से मरने वालों की गिनती ही नहीं की जा रही है। पर भारत में कोरोना सबसे तेजी से फैलने का एक सबसे बड़ा कारण जो सामने आया है, वह है भारत में बाहर से बेरोक टोक विदेशी यात्रियों का आना।

हाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में यह जो लहर आयी है, जिसे हम बिट्रेन स्ट्रेन भी कह रहे हैं, उसका मुख्य कारण ही विदेशियों का भारत आगमन है। नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि ब्रिटेन सार्स–2 के एक नए स्ट्रेन का पता नवंबर में ही चल गया था। इस वायरस को बी 117 या वीयूआई 2020/21 का नाम दिया गया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इस नये वायरस के पता चलते ही क्रिसमस और नये साल के बीच सख्त लाॅक डाउन की घोषणा कर दी, लेकिन भारत में इसे लेकर कोई रणनीति नहीं बनाई गई। उल्टें हमने पूरी दुनिया के लोगों को बुला लिया। उक्त अधिकारी का कहना है कि रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरिज के नाम पर जो वेटरन क्रिकेट मैच का आयोजन भारत में कराया गया, वह एक तरह से भारत में सुपर स्प्रेडर का काम किया। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में इन मैचों का मुख्य रूप से आयोजन किया गया, जिसमें भारत के अलावा, इंग्लैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज, आस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीम ने हिस्सा लिया। ये सारे मैच 7 मार्च से लेकर 21 मार्च तक खेले गए और यही यह समय रहा, जब देश में कोरोना की नई लहर आई और कोहराम मचा रही है। छह विदेशी टीमों के साथ केवल 11-11 खिलाड़ी ही नहीं आए, बल्कि इनके साथ तमाम स्टाफ भी आए। फिर इन मैचों के आयोजन में भारत में भी बड़े पैमाने पर लोग लगाए गए। अब परिणाम हमारे सामने है। ब्रिटेन का यह नया स्ट्रेन पहले महाराष्ट्र के नागपुर में सामने आया फिर छत्तीसगढ़ के रायपुर में।

अब सब कह रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। 1 फरवरी को पूरे देश में सिर्फ 8,625 कोरोना के नए मरीज सामने आए थे, 7 मार्च को 18, 599 और 21 मार्च जिस दिन क्रिकेट मैच का फाइनल हुआ था उस दिन 46.951 कोरोना संक्रमित लोग थे। उसके 4 दिन बाद 1 अप्रैल को 81,466 और 18 अप्रैल को 2,60,000 से अधिक। यानी अप्रैल के महीने में वायरस का संक्रमण सारा रिकॉर्ड तोड़ रहा है। नया कोरोन स्ट्रेन इस समय भारत के साथ साथ ब्रिटेन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका मे तबाही मचा रहा है। ब्रिटेन का नया कोरोना वेरिएंट दूसरे के मुकाबले 50 फीसदी तेजी से फैलता जा रहा है.।

पाकिस्तान में भी हालांकि कोरोना की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। वहां हर दिन लगभग 56 हजार मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन भारत की तरह वहां हाहाकार नहीं मचा है। पाकिस्तान की स्थिति बेहतर इसलिए दिखाई दे रही है कि वहां एक तो टेस्ट नाम मात्र के हो रहे हैं, दूसरे अभी तक वहां ब्रिटेन के नये वेरिएंट के फैलने की खबर नहीं है। मालूम हो कि ब्रिटेन ने पहले ही पाकिस्तान के नागरिकों को अपने यहां आने देने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। बल्कि यों कहे कि ब्रिटेन ने ट्रेवेल के हिसाब से पाकिस्तान को रेड जोन में डाल रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने बीच में ही अपने यहां होने वाले क्रिकेट लीग को बंद कर सभी विदेशी खिलाड़ियों को उनके देश भेज दिया है। इसलिए पाकिस्तान को इस बात का खतरा कम है कि बाहर से कोरोना उसके देश में फैल सकता है। यही बात बांग्लादेश और नेपाल की भी है। वहां भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की संख्या काफी कम है

इस बात पर पूरी दुनिया आश्चर्य कर रही है, कि जो भारत कोरोना का वैक्सीन बना कर उसे गरीब देशों में भेजकर वहां के लोगों की जान बचा रहा है वह आखिर अपने ही देश में कोरोना को रोकने में विफल क्यों हो रहा है। रोजाना एक हजार से अधिक मृत्यु और अब ढ़ाई लाख से अधिक नये कोरोना संक्रमितों के आने से पूरा स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है।

BIKRAM UPADHYAY
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