National

मुहिम अर्नब को फंसाने की या पाकिस्तान को बचाने की?  

मुहिम अर्नब को फंसाने की या पाकिस्तान को बचाने की?  
बात शुरू हुई महाराष्ट्र के पालगढ़ में हुई संतों की हत्या के बाद रिपब्लिक चैनल द्वारा ठाकरे की सरकार को कटघरे में खड़ा करने से। चैनल और सरकार के बीच उसी समय ठन गई। कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से चल रही शिव सेना के नेतृत्व की सरकार को लगा कि चैनल खाम्ख्वाह
उनकी किरकिरी करवा रहा है। उसके तुरंत बाद सुशांत सिंह की मौत ने फिर से चैनल और सरकार के बीच आर पार जैसी स्थिति बना दी। चैनल का ठाकरे परिवार के प्रति आक्रामक व्यवहार महाराष्ट्र पुलिस को बर्दाश्त नहीं हुआ और चैनल को सबक सिखाने का उपक्रम शुरू हो गया।
Arnab Goswami, Partho Dasgupta nexus exposed in whatsapp chat:Full details | News - Times of India Videos
दो तीन मुद्दे बनाए गए ताकि रिपब्लिक चैनल को ठंडा किया जा सके। पर ऐसा हो नहीं पाया। गाड़ी पर टक्कर, इंटीरियर डिजायनर की आत्म हत्या और फिर टीआरपी घोटाले का चक्कर रिपब्लिक चैनल को फंसाने के लिए ही खड़ा किया गया। लंेकिन एक चैनल को फंसाने की जल्दीबाजी में महाराष्ट्र पुलिस ने देश को ही फंसाने के मंत्र दे दिए।
टीआरपी घोटाला को सिद्ध करने के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने अर्नब गोस्तवामी के व्हाट्सऐप चैट केे डिटेल्स जारी कर दिए। व्हाट्सऐप से मिली सूचनाओं का उपयोग ना सिर्फ मोदी विरोधी लोग कर रहे हैं, बल्कि उसका घिनौना उपयोग सबसे ज्यादा पाकिस्तान कर रहा है। जब भारत के कुछ मीडिया ने यह सवाल उठाया कि अर्नब गोस्वामी को कैसे पता चला कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक करने जा रहा है, तो पाकिस्तान ने इसे सबूत के तौर पर ले लिया। पाकिस्तान के मीडिया में पहले इस पर खूब चर्चा की गई कि अर्नब के चैट से स्पष्ट हो गया कि मोदी ने चुनाव जीतने के लिए एयर स्ट्राइक किया। कुछ पाकिस्तानी मीडिया ने यह भी कहा कि दरअसल चुनाव जीतने के लिए ही मोदी ने पुलवामा में अपने ही जवानों पर हमला कराया। उसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी अर्नब के चैट को उदधृत करते हुए कहा कि स्पष्ट हो गया कि भारत गलत बहाना बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक किया और फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भी वही किया और भारत को दुनिया के सामने नंगा करने की धमकी दी।
इधर भारत में प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में खड़े हर पत्रकार, हर वेब पोर्टल और यूट्यूबर्स ने इस पर बहस छेड़ दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसले पर एक पत्रकार की प्रधानमंत्री तक इतनी पहुंच कैसे बन गई कि वह पहले ही किसी को बता दिया कि पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक होने वाला है। रही सही कसर राहुल गांधी ने पूरी कर दी। उन्होंने मांग कर दी कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि अर्नब को किसने यह सूचना दी कि पाकिस्तान पर हमला होना है। उन्होंने मांग की कि जिन्होंने यह सूचना दी, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।  जाहिर है भाजपा और मोदी सरकार के विरोध में खड़े लोगों के लिए एक नया मसाला मिल गया।
PM Narendra Modi pays tributes to CRPF personnel killed in Pulwama terror attack | Hindustan Times
पर हकीकत है क्या? क्या सचमुच रिपब्लिक टीवी को पहले से पता था कि पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक होना है? और उसने यह बात रेटिंग एजेंसी को बता कर अपना फायदा और देश के लिए बड़ा नुकसान कर दिया? आखिर कहा क्या उसने अपने चैट में। कांग्रेस समर्थित अखबार दि नेशनल हेराल्ड ने अर्नब गोस्वामी के व्हाट्सऐपचैट के ट्रांसक्रिप्शन को हू बहू छापा है। एक चैट में अर्नब गोस्वामी 23 फरवरी 2019 को बार्क के पदाधिकारी पार्थो दास गुप्ता को लिखते हैं- समथिंग बिग विल हैपेन? फिर पार्थो चैट के जरिए ही उनके पूछते है- डाउद। अर्नब का जवाब होता है- नो सर, पाकिस्तान, समथिंग मेजर विल बी डन दिस टाइम। पार्थो कहते हैं – गुड। बस इसी के जरिए यह निष्कर्ष निकालने की कुछ लोगों ने कोशिश कर दी कि अर्नब को कैसे मालूम हो गया कि समथिंग बिग होने वाला है।
जवाब उन सबको आसानी से मिल सकता था, यदि वे खोजना चाहते। 14 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण से में ही जवाब था। जब उन्होंने कहा था- पुलवामा में मारे गए जवानों ने देश की सेवा करते हुए प्राण न्यौछावर किए हैं। देश में आक्रोश है, लोगों का खून खौल रहा है। कुछ कर गुजरने की भावना है, जो कि स्वाभाविक है। सुरक्षा बलों की पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था-वे बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं, इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।‘ क्या इसके बाद भी अर्नब के इस चैट का मतलब बनता है कि भारत कुछ बड़ा करने जा रहा है।
यदि अर्नब का यह चैट कि समथिंग बिग विल हैपेन विपक्षियों को इतना क्लासिफाइड लगताा है तो 23 फरवरी 2019 को ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप ने अमेरिका से यही बयान जारी किया था कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुके है और भारत कुछ बड़ा करने की सोंच रहा है। इस पर क्या कहेंगे। क्या ट्रंप भी किसी टीआरपी मुहिम का हिस्सा थे। बाल की खाल उतारने वाले न जाने किस किस बात पर किस किस को कठघरे में खड़ा करते रहेंगे।
बालाकोट का एयर स्ट्राइक 26 फरवरी को हुआ, लेकिन उसके पहले लगभग रोज ही प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के साथ सेना के तीनों अंगों के अधिकारियों के साथ बैठके होती रहीं। अमरीका व यूरोप को सभी मामलों से सरकार अवगत कराती रही। पाकिस्तान को सबूत दिया गया कि पुलवामा की घटना में उनके लोगों की भूमिका है। खुद पाकिस्तान यह जान चुका था कि इस बार भारत कुछ ना कुछ करेगा जरूर। यदि पाकिस्तान को डर नहीं होता तो 19 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री इमरान खान राष्ट्रीय टेलीविजन पर आकर यह सफाई ना देते कि ऐसे हमले से पाकिस्तान को क्या फायदा होगा। इमरान अपनी ओर से जांच का आॅफर ना देते।
Pulwama Terror Attack: Rahul Gandhi Says, Stand With Government
जहां तक बालाकोट एयर स्ट्राइक के चुनावी फायदे की बात है तो व्हाट्स चैट में अर्नब ने नहीं पार्थों घोष को यह संदेश देते हुए दिखाया गया है। उन्होंने यह संदेश भेजा था -कि फिर तो मोदी चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन ऐसा कहने वाला पार्थों घोष ही तो नहीं थे। सबसे पहले कांग्रेस ने ही इसे चुनाव से जोड़ कर प्रस्तुत किया। स्वयं राहुल गांधी ने पुलवामा की घटना और अनिल अंबानी को एक साथ जोड़ कर पेश किया। उन्होंने ट्वीट किया कि पुलवामा में मारे गए जवानों को मोदी सरकार शहीद का दर्जा भी नहीं दे रही है और अनिल अंबानी को 300 करोड़ रुपये दे रही है। कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान को कोई हाथ नहीं है यह हादसा था। कांग्रेस के बीके हरीप्रसाद ने कहा कि यह तो मोदी और इमरान खान के बीच नूरा कुश्ती है।
प्रधानमंत्री मोदी या रिपब्लिक टीवी पर बहस इस दायरे में नहीं होना चाहिए कि देश के दुश्मनों को इससे कुछ हमारे खिलाफ कहने का मसाला मिले। चैनलों के बीच की प्रतिस्पर्धा का खेल ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि देश के खिलाफ माहौल बनाने वाले एक साथ खड़े हो जाए। इस बहस या कैम्पेन को उसी तरह बुनने, चलाने और महौल में बदलने की कोशिश की जा रही है, जैसी कोशिश बिना किसी आधार के असहिष्णुता, सीएए, एनआरसी और अब किसान आंदोलन के लिए की गई।

BIKRAM UPADHYAY
Share this