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रोहिंग्या मुसलमान अब शेख हसीना की सरकार के लिए मुसीबत

म्यांमार से भाग कर बांग्लादेश आए रोहिंग्या मुसलमान अब शेख हसीना की सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं। 5 जुलाई को रात को भी बाॅर्डर गार्ड ऑफ़ बांग्लादेश ने ड्रग्स तस्कर दो रोहिंग्या मुसलमानों को एक एनकांउटर में मार गिया। इसे लेकर इस साल 50 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान  एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं । इन पर चोरी, डकैटी, नशे का कारोबार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में संलग्न होने का आरोप था। 
 बांग्लादेश के बाॅर्डर गार्ड को सूचना मिली थी कि कुछ लोग नशीली दवा की खेप लेकर पहुंच रहे हैं। गार्डों ने नाफ रिवर के पास इन तस्करों को दबोचने की कोशिश की, लेकिन वे वहां से भागने लगे। इस बीच गार्डों ने वहां  से 50 हजार याबा टेबलेट, (म्यांमार और थाईलैंड में बनाई जाने वाली नशें की गोली ) चीनी पिस्टल और दो राउंड गोलियां बरामद की। बाद में  सभी तस्करों को घेर कर बाॅर्डर गार्ड ने गोली से घायल कर दिया। घायलों को नजदीक के अस्तपाल ले जाया गया, जहां डाॅक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया।
इसके पहले इसी साल मार्च में भी काॅक्स बाजार में बांग्लादेश पुलिस और रोहिंग्या डकैतों के बीच शूट आउट हुआ था। जिसमें सात रोहिंग्या डकैत मारे गए थे। मारे जाने वालों में डाकुओं का सरदार खूंखार जाकिर भी शामिल था। इस ऑपरेशन में बांग्लादेश ने रैपिड एक्शन बटालियन को लगाया था।

बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून के अनुसार जिन 50 रोहिंग्या अपराधियों के इस साल एनकाउंटर किए गए उनसे 26 खूंखार डकैत थे। ये सब बांग्लादेश की सीमा पर बसे काॅक्स बाजार के आस पास मारे गए। रोहिंग्या शरणार्थी इसी काॅक्स बाजार के पास कैंपों में रहते हैं। ये सभी मूल रूप से म्यांमार के रहने वाले हैं लेकिन वहां इनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई किए जाने के बाद ये भाग कर 2016- 17 में बांग्लादेश में आ गए । बांग्लादेश   सरकार के अनुसार एक लाख 10 हजार रोहिंग्या शरणार्थी उनके  देश  में शरण लिए हुए हैं।
हालांकि बांग्लादेश की सरकार एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को मुफत राशन, चिकित्सा सुविधा और रहने की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं, लेकिन कुछ रोहिंग्या को इससे संतोष नहीं है और वे गंभीर अपराधों  में लिप्त हैं।
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