National PERSONALITY

संकट में श्रेष्ठ परिणाम मोदी की बनी पहचान

 

 प्रधानमंत्री मोदी संकट काल में सर्वश्रेष्ठ परिणाम  देने वाले वर्ल्ड लीडर बन गए हैं। देश या दुनिया में पिछले 20 सालों में जितने भी संकट आए, और जिनका दायित्व उनके उपर  था।  उन सब का सटीक प्रबंधन और उनसे निकलने में मोदी की कोई सानी नहीं है ।

2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था, जिसमें लगभग  20 हजार लोगों की मौत हो गई थी । तभी नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की जिम्मेदारी दी गई थी । तब मोदी की प्रबंधन क्षमता एवं दक्षता पहली बार सामने आई थी । आधा गुजरात भूकंप की चपेट में था । वह भयंकर मानव त्रासदी थी,  लेकिन जिस तरह 5 साल में ही मोदी ने गुजरात को खड़ा करके विकास का एक नया मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर दिया, उससे दुनिया चकित रह गई। गुजरात मॉडल कोई हवा हवाई दावा  नहीं था। दुनिया के लगभग सभी बड़े अर्थशास्त्रियों ने गुजरात मॉडल, खासकर प्रकिया  का भरपूर गुणगान किया । उसके बाद भी देश में कई और भी संकट आए ।

तब प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी ने स्वयं आकलन किया और तब की मुख्यमंत्री जयललिता को फोन कर उन्होंने आश्वासन दिया कि केन्द्र उनके साथ है। आंध्रप्रदेश,  उड़ीसा और बंगाल में आए चक्रवात के समय भी प्रधानमंत्री ने स्वयं ही पूरी सुरक्षा कमांड अपने हाथ में ले कर खतरा टलने तक समूची मशीनरी के साथ डेट रहे।

पुलवामा कांड के बाद देश में उपजी असुरक्षा भावना के समय भी मोदीजी ने अदम्य साहस का परिचय दिया। पाकिस्तान को सबक सिखाया।

अब  कोरोना संकट में भी मोदीजी ने हमेशा की तरह अपने नेतृत्व एवं अपनी  प्रबंधन कुशलता से संकट को टालने या संकट को हराने में सफलता प्राप्त कर रहे हैं ।

मोदी की सफलता का सबसे प्रमुख पहलू यह है कि वह सफलता के लिए अकेले श्रेय नहीं लेते। संकट काल में फंसे हर व्यक्ति को, हर राजनीतिक इकाई को ,पंचायत से लेकर राज्य सरकार तक को अपने साथ ले लेते हैं। वह  भूल जाते हैं कि वह किसी  पार्टी के नेता है। उनका कोई राजनीतिक एजेंडा भी है। कोरोना संकट के समय  भी वह इसी गुण को पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित कर रहे हैं ।

समय रहते लोगों को जागरूक करना   ध्वनि व रोशनी  से पूरे हिंदुस्तान को एक साथ जोड़ना,  सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक प्लेटफार्म पर लाकर मंत्रणा करना,  सभी के सुझाव के आधार पर फैसला करना। ऐसा दुनिया के किसी और देश में  नहीं हो सका है । हमारे बगल पाकिस्तान में चार प्रांतों में जबरदस्त राजनीतिक रस्साकशी हो रही है। खासकर सिंध और  फेडरल गवर्नमेंट के बीच एक  बैटल लाइन खिंच गई है।

इमरान खान द्वारा बनाया टाइगर फोर्स , राजनीतिक एजेंडे की तरह है। जिसका प्रतिकार सिंध सरकार खुलकर कर रही है ।टाइगर फोर्स के जरिए किसी भी राहत के लिए सिंध  तैयार नहीं है ।इमरान खान सिंध द्वारा लॉकडॉउन की घोषणा का मजाक उड़ा चुके हैं ।

यह बात भारत  के संदर्भ में नहीं कही जा सकती ।पहले राजनीतिक कारणों से मोदी की बुराई करने वाले मुख्यमंत्री भी आज प्रधानमंत्री के अगले  कदम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन हो , इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं ।कहीं से भी किसी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति कोई भी असंतोष का भाव देखने को नहीं मिला है।

पूरी दुनिया की स्थिति को देखिए। यूरोप  का कोई भी देश अपने नागरिकों को इस बीमारी से सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाया है । कोरोना के संहार से नहीं बचा पाए। अमेरिका थका हारा बैठ गया है।  गवर्नर्स के बीच खड़ी हुई है वैज्ञानिक लूट रहे हैं लोकतंत्र के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं जर्मनी में सैकड़ों गिरफ्तार किए गए लेकिन भारत में कुछ स्वर्ग में कुछ और कहीं से भी निरोध कस्टमर सुनाई नहीं दिया एक और जहां पाकिस्तान| दुनिया भर से राहत सामग्री और पैसे मांग रहा है वहीं भारत पूरी दुनिया को दवाइयां और राहत सामग्री तथा खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है संकट के समय में बड़े-बड़े देश भारत के सामने नतमस्तक हैं ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति हैं ब्राजील के राष्ट्रपति हो इजरायल के प्रधानमंत्री हो नेपाली ऐसे लंका होम अफगानिस्तान हो सभी और भारत की जय जय कार हो रही है क्योंकि क्रोना तेज संकटकाल में जब सब लोग अपने संसाधनों के लिए जूझने हैं भारत उन्हें नासिक आवश्यक दवाइयां भेजना है उनके लोगों को पहुंचाने के साथ-साथ पीने की सामग्री भेज रहा है हमारा देश भी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है सलमा है तो नारे का आर्थिक मंदी की चपेट में हमारा देश भी आए लेकिन जब जरूरत पड़ेगी मोदी के नाम पर यही ब्लॉक यही देश भारत के लिए कुछ करने में गलत समझेंगे

BIKRAM UPADHYAY
     BIKRAM UPADHYAY
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