अपनी दो दिन की मलेशिया यात्रा पर आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान से ज्यादा भारत के मामले में उलझे हुए नजर आए। उन्होंने मलेशिया में भी वहीं कश्मीर और सीएए का राग अलापा और इन मुद्दों के खिलाफ बोलने के लिए मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मुहम्मद की जमकर तारीफ की। जोश जोश में ही इमरान खान ने यह भी बोल दिया कि उनका देश मलेशिया को हुए पाम आॅयल पर भारत द्वारा बैन से नुकसान की भरपाई कर देगा।
आटा और चीनी से जूझ रहा पाकिस्तान मलेशिया का कितना भला करेगा यह तो वक्त ही बताएगा। पर पाकिस्तान की कूटनीति में मलेशिया कितना सहयोग करेगा यह जगजाहिर है। मुस्लिम देशों के बीच ही मलेशिया को लेकर काफी भेदभाव है। सउदी अरब तो मलेशिया को हमेशा दूर रखने की नीति पर चलता रहा है।
बहरहाल इमरान ने जो कुछ मलेशिया में कहा उस पर निगाह डालते हैं। इमरान ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा – हम डॉ महाथिर से बहुत प्यार और उनका सम्मान करते हैं। डॉ महाथिर मुस्लिम जगत में एक रोल मॉडल राजनेता हैं। उन्होंने इतने सारे लोगों की नियति बदल दी है। 94 वर्षीय प्रीमियर के समय मलेशिया ने बहुत विकास देखा है।
इमरान ने भारत द्वारा पाम आयल के आयात पर नियंत्रण लगाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर की कानूनी रूप से स्वायत्त स्थिति और भारत के नए नागरिकता कानून सीएए पर पर डॉ महाथिर की टिप्पणी के बाद आया। इमरान ने भारत के मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वहां मुसलमानों को दरकिनार किया जा रहा है।
इमरान ने भारत के कश्मीरियों का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि छह महीने से आठ मिलियन लोगों को जेल के वातावरण में रखा गया है। भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए इमरान ने यहां तक कहा कि “भारत को एक चरमपंथी विचारधारा ने संभाल लिया है। इमरान ने पश्चिम में इस्लामोफोबिया का जिक्र करते हुए कहा कि इस्लाम के बारे में सच्चाई समझाने में मुस्लिम नेताओं की विफलता के कारण ही ऐसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम नेताओं को उस समय आपत्ति होनी चाहिए जब पश्चिमी दुनिया ने 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ अल-कायदा द्वारा 9 11 के हमलों को इस्लामिक आतंकवाद का कार्य बताया गया।