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अब हांगकांग बनेगा चीन अमेरिका संघर्ष का नया केंद्र

हांगकांग अब अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टकराव का एक और कारण बन सकता है। कोरोना को लेकर पहले ही विश्व के इन दो महाशक्तियों के बीच तनातनी चल रही है, अब चीन हांगकांग में नेशनल सिक्योरिटी लाॅ के जरिए अमेरिका समेत तमाम बाहर देशों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने जा रहा है । कहने को चीन  ने लोकतांत्रिक आंदोलन चलाने वाले हांगकांग के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यह नेशनल  सिक्योरिटी लॉ लागू करने का फैसला किया है , पर॔तु उसका निशाना अमेरिका ही होगा । चीन ने इस नये कानून की घोषणा कर दी है और इसे चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस से पास होना रह गया है।  जो संभवत 1 सप्ताह के भीतर पास कर भी दिया जाएगा ।

चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि नेशनल सिक्योरिटी लाॅ  को काउंटर टेररिज्म कानून  की तरह ही  इस्तेमाल किया जाएगा  और इसके अंतर्गत उन सभी लोगों को गिरफ्तार किया जा सकेगा , या सजा दी जा सकेगी जो चीन के केंद्रीय सरकार के खिलाफ कोई बगावत करेंगे ,सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकालेंगे या फिर कोई अतिवादी कार्रवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि चीन ने पहले ही हांगकांग के लोकतांत्रिक प्रर्दशनकारयो  को टेररिस्ट  करार दे चुका है और उन्हें पॉलिटिकल वायरस कहता है ।

वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि चीन के इस कानून के लागू हो जाने के बाद हांगकांग की स्वतंत्र पहचान समाप्त हो सकती है । हांगकांग में अलग कानून व्यवस्था का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा । अभी तक हांगकांग और चीन के बीच वन नेशन टू सिस्टम काम कर रहा है । लेकिन इस कानून के लागू होने के बाद वन नेशन वन सिस्टम हो जाएगा । हांगकांग के लोग अब पहले की तरह प्रदर्शन, धरना या विरोध नही कर पाएंगे । नेशनल सिक्योरिटी लाॅ के जरिए किसी को भी उठा कर बंद कर दिया जा सकेगा ।

अमेरिकी राष्ट्रपति चीनी नेशनल सिक्योरिटी लॉक अपने  खिलाफ आखरी हथियार के रूप में देख रहे हैं  और इसे लेकर राष्ट्रपति ट्रंप बहुत गुस्से में दिख रहे हैं । उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा यह कोई नहीं जानता कि हांगकांग को लेकर चीन का प्लान क्या है , लेकिन यदि चीन कोई नेशनल सिक्योरिटी लॉ लेकर आता है और हांगकांग में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश करता है तो अमेरिका उसका भरपूर जवाब देगा ।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माॅरगन ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा इस तरह का कानून लागू करना बहुत खतरनाक होगा । इसका विरोध संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और  पूरी दुनिया करेगी ।

उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश सरकार ने 1997 में हांगकांग को चीन के हवाले कर दिया था , लेकिन कुछ मामलों में  अभी भी हांगकांग को स्वायत्तता प्राप्त है । हांगकांग की स्थिति एक सेमी ऑटोनॉमस स्टेट की है । लेकिन चीन द्वारा नेशनल  सिक्योरिटी लॉ के लागू किये जाने के बाद हांगकांग का अपना अलग अस्तित्व रह पाएगा इसमें स॔शय है । अभी तक चीन हांगकांग को हांगकांग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन के तौर पर रूल कर रहा है ।

दरअसल चीन इस बात से बेहद खफा है कि अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ की कॉन्फ्रेंस में हांगकांग को एक इंडिपेंडेंट राज्य के तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में पूरी मदद की थी  जिस पर चीन ने कड़ा ऐतराज भी जताया था । अब चीन का कहना है नए सिक्योरिटी लॉ के कारण हांगकांग में आंतरिक और बाहरी शक्तियों का हस्तक्षेप नहीं रह पाएगा जो चीन की संप्रभुता को चुनौती देना चाहते हैं। चीन के सरकारी प्रवक्ता का कहना है हांगकांग की सुरक्षा चीन का आंतरिक मामला है और उनका अधिकार है । लेकिन अमेरिका  किसी भी हाल में हांगकांग पर अपनी पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहेगा ।

अमेरिका और हांगकांग के बीच संबंध सदियों का है । द्वितीय विश्व युद्ध के समय वियतनाम के साथ संघर्ष में हांगकांग अमेरिकी सेना के लिए प्रमुख बंदरगाह रहा।  अमेरिका किसी भी स्थिति में हांगकांग में अपने मिलिट्री बेस को खत्म नहीं करना चाहता । इसके अलावा अमेरिका का हांगकांग में बहुत बड़ा बिजनेस इंटरेस्ट भी है। 1969 में अमेरिकन चेंबर ऑफ कॉमर्स इन हांगकांग की स्थापना की गई  थी। हांगकांग इस समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फाइनेंसियल सेंटर है और अमेरिका हांगकांग का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर ।  आज भी हांगकांग अमेरिकी बिजनेसमैन के लिए ट्रेड विंडो है , जहां से वह चीन समेत तमाम देशों में व्यापार पार करते हैं। चीन को या लगता है कि अमेरिका के साथ उसके संघर्ष में  हांगकांग एक टूल के रूप में इस्तेमाल हो सकता है।  साथ में चीन यह भी मानता है कि हांगकांग के चीन विरोधी गुटों को अमेरिका आर्थिक सहायता दे रहा है और वह चीन के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।  यदि चीन नेशनल  सिक्योरिटी लॉ के तहत अमेरिकियों पर कोई प्रतिबंध लगाता है या वन नेशन 2 सिस्टम्स को खत्म करने की कोशिश करता है तो निश्चित रूप से यह  एक बड़े संघर्ष का कारण बन सकता है।

BIKRAM UPADHYAY
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